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ज्योतिष में ग्रहों का गोचर और दशा क्या होती है ? (Grah ka Gochar aur Dasha kya hoti hein ?)

वैसे तो हमारी कुंडली हमें यह बताती है, कि हमारे जन्म के समय विभिन्न ग्रहों की स्थिति क्या थी, और उनका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, लेकिन सभी ग्रह हमें हर समय एक समान तरीके से प्रभावित नहीं करते हैं। हमारे जीवन में उनका महत्व बदलता रहता है।

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लग्न कुंडली से सम्बंधित कुछ बुनियादी योग (Janm Kundali mein paye jane wale Yog)

पिछले लेखों में, आपको लग्न कुंडली के मूल नियमों से परिचित कराया गया था। यदि आपने नहीं पढ़ा है, तो आप लग्न कुंडली की मूल अवधारणाओं को इस लेख में पढ़ सकते हैं।

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लग्न कुंडली कैसे पढ़े ? (Lagna kundali kaise padhte hein ?)

अपने पिछले लेख में, हमने पहले ही ज्योतिष और कुंडली के मूल सिद्धांतों का विवरण दिया है। यदि आपने वह लेख नहीं पढ़ा है, तो आप उसे यहाँ जाकर पढ़ सकते हैं।

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वैदिक ज्योतिष और कुंडली (राशिफल) क्या है? (Jyotish aur Kundali kya hota hai?)

ज्योतिष भारत में एक बहुत प्रसिद्ध कला या विज्ञान है। बहुत से लोग इस पर विश्वास करते हैं, और इसलिए आप बहुत से लोगों को कुंडली पढ़ते हुए, और भविष्य के संभावित अशुभ फलों को कम करने के लिए सुझाव प्रदान करते हुए पाएंगे।

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कुंडलिनी क्या है और कुंडलिनी जागरण कैसे करें? (Kundalini kya hai aur Kundalini jagran kaise karein?)

कुण्डलिनी वो जीवनी शक्ति है जिसे कुण्डलिनी योग के योगिओं के अनुसार हर मनुष्य के मूलाधार चक्र में सुप्तावस्था में स्तिथ बताया जाता है| इसे अक्सर सर्पों से प्रदर्शित किया जाता है - जैसे के डॉक्टरों के चिंह में, या शिव जी के सर पर सर्प द्वारा, इत्यादि|

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योग के अंग या चरण (yog ke ang ya charan)

योग के (ख़ासतौर से हठयोग के) सात प्रमुख अंग / चरण हैं| योग के सात प्रमुख अंग / चरण यम नियम आसन तथा मुद्रा प्राणायाम प्रत्याहार ध्यान समाधि कुछ लोगों के अनुसार योग के आठ अंग हैं| उनके अनुसार प्रत्याहार के पश्चात धारणा आती है, और उसके बाद ही ध्यान होता है|

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