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मुर्गियों के बीच चील (लघु कथा)

यह एक छोटी सी कहानी (laghu katha) है - मुर्गियों के बीच पाली गयी चील की

एक बार एक चील का बच्चा अपने परिवार और समूह से अलग हो गया। चीलों का वह समूह उस छोटे से चील को पीछे छोड़ते हुए आगे उड़ गया। जाहिर है, वह चील का बच्चा डरा हुआ और भ्रमित था।

लेकिन सौभाग्य से, एक मुर्गी ने इस चील को देखा और उसे अपना लिया। उसने उस चील के बच्चे को अपने परिवार के एक सदस्य के रूप में, अन्य चूजों के साथ पाला।

क्योंकि इस चील के बच्चे को अन्य मुर्गियों के साथ पाला जा रहा था, वह भी उनकी तरह व्यवहार करने लगा। वह उनकी तरह ही खाता था, उनकी तरह ही चलता था और उनकी तरह ही उड़ता भी था। और हम जानते हैं कि मुर्गियां बहुत ऊंची उड़ान नहीं भरती हैं।

लेकिन एक दिन इस चील ने चीलों के एक समूह को आसमान में बहुत ऊंचे उड़ते हुए देखा। यह उसे बहुत रोमांचक लगा, और वह उत्सुक हो गया कि वह इतनी ऊंची उड़ान क्यों नहीं भर सकता।

तो, उसने अपनी माँ मुर्गी से पूछा कि, हम आसमान में इतनी ऊंची उड़ान क्यों नहीं भर सकते। जिस पर मां मुर्गी ने जवाब दिया कि वे चील हैं और हम मुर्गियां हैं। हम आसमान में इतनी ऊंची उड़ान कभी नहीं भर सकते।

चील ने यह स्वीकार कर लिया, और फिर कभी भी अपने जीवन में ऊंची उड़ान भरने की कोशिश नहीं की।

वैसे यह कहानी बिल्कुल असत्य है। ऐसा कभी न हुआ था!

लेकिन फिर भी, हम इस काल्पनिक कहानी से क्या सबक या सीख ले सकते हैं?

सीख 1: अपने अंदर की आवाज को सुनें

हममें से बहुत से मनुष्यों के साथ भी यही होता है। हम में से बहुत से लोग अपनी क्षमता का एहसास करने में विफल रहते हैं, क्योंकि हम कभी भी खुद को पर्याप्त परख नहीं पाते हैं। हम पर्याप्त जोखिम नहीं लेते हैं। कभी-कभी, हम सोचते हैं कि हम किसी काम में बहुत अच्छे नहीं हैं, क्योंकि दूसरे सोचते हैं कि हम बहुत अच्छे नहीं हैं। यह एक दुर्भाग्य है!

हमें किसी को हमें यह बताने का हक़ नहीं देना चाहिए, कि हम कोई काम नहीं कर सकते। मानव जीवन का उद्देश्य अपनी क्षमताओं की पहचान करना है, और फिर इनका पूरा इस्तेमाल करना है। और हमें हमेशा एक दूसरे को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित भी करना चाहिए।

सीख 2: गुरु का महत्व

यह कहानी हमारे जीवन में एक अच्छे गुरु के महत्व पर भी प्रकाश डालती है। एक अच्छा गुरु हमारी क्षमताओं को पहचान सकता है और हमें इनका इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर सकता है।

यह आपके पिता, माता, पत्नी, पति, भाई, बहन या आपका मित्र हो सकता है। अगर आपके जीवन में कोई ऐसा है, तो आप खुद को भाग्यशाली मान सकते हैं।

सीख 3: उद्देश्यपूर्ण जीवन बनाम एक खुशहाल जीवन

उपरोक्त सभी सच है, अगर कोई किसी उद्देश्य के साथ जीवन जीना चाहता है। लेकिन, अगर कोई सिर्फ खुशहाल जीवन जीना चाहता है, तो क्या? क्या उस चील के लिए ऊंची उड़ान भरना आवश्यक है, अगर वह खुश है, जिस तरह से भी वह अपना जीवन व्यतीत कर रहा हो !

उपसंहार

हमें टिप्पणी अनुभाग में इस पर अपने विचार बताएं। आपके अनुसार हम सबसे महत्वपूर्ण सबक क्या ले सकते हैं?

लेकिन हमेशा की तरह, यह प्रत्येक व्यक्ति के सापेक्ष होगा। यहाँ कोई गलत उत्तर नहीं है।

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