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बिग बैंग सिद्धांत क्या है ? (Big Bang Theory, in Hindi)

बिग बैंग थ्योरी हमारे ब्रह्मांड की उत्पत्ति की व्याख्या करने वाले सिद्धांतों में से एक है। आज तक जितने भी सिद्धांत सामने रखे गए हैं, उनमें से यह सिद्धांत हमारी दुनिया का सबसे अच्छा व्याख्यान करता दिखता है।

क्यूंकि यह कई पर्यवेक्षणों (observations) द्वारा समर्थित है, इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि यह ब्रह्मांड की उत्पत्ति का सबसे स्वीकृत सिद्धांत है। हालांकि, अब भी कई संशय शेष हैं। यह सब कुछ समझा नहीं सकता है, और इसलिए यह सिद्धांत अभी भी विकसित हो रहा है - यह कार्य प्रगति पर है।

इस लेख में हम बिग बैंग सिद्धांत के बारे में विस्तार से अध्ययन करेंगे|

Table of Contents
  • बिग बैंग थ्योरी के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति
  • बिग बैंग थ्योरी के अनुसार ब्रह्मांड के निर्माण के चरण
  • बिग बैंग थ्योरी की कमियाँ

बिग बैंग थ्योरी के अनुसार ब्रह्मांड की उत्पत्ति

बिग बैंग थ्योरी के अनुसार, ब्रह्मांड की उत्पत्ति शून्य से हुई है। प्रारंभ में ब्रह्मांड का सारा द्रव्यमान सिंगुलैरिटी (singularity) के एक बिंदु पर केंद्रित था, जो बहुत घना और बहुत गर्म था।

फिर किसी कारण से एक विस्फोट हुआ (लगभग 13.7 अरब साल पहले), जिसे “बिग बैंग” कहा जाता है। इसने स्थान, समय, पदार्थ और ऊर्जा का निर्माण किया।

अर्थात् इस सिद्धांत के अनुसार ब्रह्मांड अनंत या युगहीन नहीं है। इसकी एक शुरुआत है और इसलिए एक सीमा और एक निश्चित उम्र भी है। पहले कई सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी (theoretical physicists) स्थिर ब्रह्मांड (Static Universe) के सिद्धांत में विश्वास करते थे - जिसके अनुसार ब्रह्मांड स्थिर है, इसका विस्तार नहीं हो रहा है और इसका कोई प्रारंभ या अंत भी नहीं है।

बिग बैंग थ्योरी ने स्थिर ब्रह्मांड के इस सिद्धांत को चुनौती दी, और अब इसका समर्थन करने वाले कई अवलोकनों के कारण, बिग बैंग थ्योरी हमारे ब्रह्मांड की स्थापना का सबसे स्वीकृत सिद्धांत है। इनमें से कुछ अवलोकन निम्नलिखित हैं:

  • एडविन हबल (Edwin Hubble) द्वारा अवलोकन, कि अधिकांश आकाशगंगाएँ एक दूसरे से दूर जा रही हैं, जिसका अर्थ है कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है।

  • 1964 में कॉस्मिक बैकग्राउंड रेडिएशन (Cosmic Background Radiation) की खोज बिग बैंग थ्योरी को साबित करने में सबसे महत्वपूर्ण कारक साबित हुई। बन्दूक से निकलने वाला धुआँ इस बात का संकेत करता है कि बन्दूक को हाल ही में दागा गया है। इसी तरह, कॉस्मिक बैकग्राउंड रेडिएशन ने साबित कर दिया कि ब्रह्मांड की शुरुआत में एक बड़ा विस्फोट हुआ था।

  • हबल टेलिस्कोप (Hubble telescope) और अन्य उन्नत उपकरणों ने हमें हमारे ब्रह्मांड की सीमा का एक स्पष्ट अंदाज़ा प्रदान किया है, और यह भी कि वह किस दर से विस्तार कर रहा है। अब हम यह जानते हैं कि न केवल हमारे ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है, बल्कि यह त्वरित गति से ऐसा कर रहा है।

लेकिन बिग बैंग थ्योरी वास्तव में क्या कहती है? आइए इस सिद्धांत को गहराई से जानें।

बिग बैंग थ्योरी के अनुसार ब्रह्मांड के निर्माण के चरण

ब्रह्मांड के विकास को दो मुख्य कालों में विभाजित किया जा सकता है, जिनमें से प्रत्येक को आगे विभिन्न युगों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  • विकिरण काल - यह काल पहले आया। इस काल के दौरान ब्रह्मांड में विकिरण का प्रभुत्व था। इसमें निम्नलिखित युग शामिल हैं: प्लैंक, ग्रैंड यूनिफाइड, इन्फ्लेशनरी, इलेक्ट्रोवेक, क्वार्क, हैड्रॉन, लेप्टन, न्यूक्लियर (Plank, Grand Unified, Inflationary, Electroweak, Quark, Hadron, Lepton, Nuclear)।

  • मैटर/पदार्थ काल - इसमें निम्नलिखित युग शामिल हैं: परमाणु, गेलेक्टिक, तारकीय (Atomic, Galactic, Stellar)।

आइए इनमें से कुछ का अधिक विस्तार से अध्ययन करें।

प्लैंक युग (Plank Epoch)

यह बिग बैंग के बाद ब्रह्मांड का सबसे प्रारंभिक चरण था। तापमान 1040 केल्विन के आसपास था।

इस समय ब्रह्मांड में कोई भी पदार्थ मौजूद नहीं था। केवल ऊर्जा थी।

यहां तक कि प्रकृति के चार मूलभूत बल (अर्थात गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकीय बल, कमजोर परमाणु बल और मजबूत परमाणु बल) भी अलग-अलग मौजूद नहीं थे। वह एक सुपर फोर्स के रूप में एक साथ जुड़े हुए थे। गुरुत्वाकर्षण के अस्तित्व में आने पर यह युग समाप्त हो गया।

भव्य एकीकरण युग (Grand Unification Epoch)

यह बिग बैंग के 10-43 सेकेंड बाद शुरू हुआ। तापमान लगभग 1036 केल्विन था।

जब मजबूत परमाणु शक्ति (strong nuclear force) अस्तित्व में आई, तब यह युग समाप्त हो गया।

इन्फ्लेशन युग (Inflation Epoch)

यह बिग बैंग के 10-35 सेकंड बाद शुरू हुआ। तापमान 1033 केल्विन के आसपास था।

इस समयावधि में, ब्रह्मांड का विस्तार बहुत तेजी से हुआ - परमाणु के आकार से शुरू करके, वह गेंद के आकार का हो गया। अतः, ब्रह्मांड का तापमान भी तेजी से गिरा।

ऊर्जा, मूलकणों (elementary particles) जैसे ग्लूऑन, इलेक्ट्रॉन, क्वार्क और एंटी-क्वार्क में परिवर्तित होने लगी। लेकिन चूंकि तापमान बहुत अधिक था, इसलिए नवगठित मूलकण बहुत स्थिर नहीं थे। तो, इस चरण में ऊर्जा पदार्थ का निर्माण कर रही थी, और दूसरी तरफ पदार्थ का विनाश होके फिर से ऊर्जा निकल रही थी।

इलेक्ट्रोवीक युग (Electroweak Epoch)

यह बिग बैंग के 10-32 सेकेंड बाद शुरू हुआ। तापमान 1020 केल्विन के आसपास था।

कमजोर परमाणु बल और विद्युत चुम्बकीय बल (weak nuclear force and electromagnetic force) अस्तित्व में आए। अतः, अब तक प्रकृति के सभी चार मूलभूत बल अस्तित्व में आ गए थे, अर्थात गुरुत्वाकर्षण, विद्युत चुम्बकीय बल, कमजोर परमाणु बल और मजबूत परमाणु बल (gravity, electromagnetic force, weak nuclear force and strong nuclear force)।

क्वार्क युग (Quark Epoch)

यह बिग बैंग के 10-12 सेकेंड बाद शुरू हुआ। तापमान 1016 केल्विन के आसपास था।

ब्रह्मांड के सभी मूल तत्व पहले से मौजूद थे - क्वार्क, इलेक्ट्रॉन आदि। साथ ही, प्रकृति की सभी चार शक्तियां भी मौजूद थीं। परन्तु, चूंकि तापमान बहुत अधिक था, ये कण एक साथ मिलकर बड़े कण बनाने में विफल रहे।

हैड्रॉन और लेप्टन युग (Hadron and Lepton Epoch)

यह बिग बैंग के 10-6 सेकेंड बाद शुरू हुआ। तापमान लगभग 1010 केल्विन था।

ब्रह्मांड का व्यास एक अरब किलोमीटर से अधिक था, और इसलिए इसका तापमान तेजी से गिरना शुरू हो गया। तो, क्वार्क (quarks) स्थिर हो गए, और ये और भी बड़े मूलकण बनाने लगे, जैसे की प्रोटॉन और न्यूट्रॉन।

न्यूक्लियोसिंथेसिस युग (Nucleosynthesis Epoch)

यह बिग बैंग के 1 सेकंड बाद शुरू हुआ। तापमान 109 केल्विन के आसपास था।

महाविस्फोट के एक सेकंड बाद, ब्रह्मांड 100 अरब किलोमीटर से अधिक चौड़ा था। और इसलिए, यह परमाणु बनाने के लिए पर्याप्त ठंडा था, और पहला तत्व हाइड्रोजन अस्तित्व में आया।

लगभग 50 हजार वर्षों तक चले विकिरण काल की समाप्ति के बाद ब्रह्मांड के अगले काल की शुरुआत हुई - मैटर/पदार्थ काल। पदार्थ प्रधान हो गया। यह वह काल है जिसमें हम आज भी जी रहे हैं।

आइए इसके कुछ युगों को देखें।

परमाणु युग (Atomic Epoch)

यह बिग बैंग के 50 हजार साल बाद शुरू हुआ था। तापमान लगभग 3000 केल्विन था।

ब्रह्मांड इतना ठंडा हो गया कि इलेक्ट्रॉन नाभिक से जुड़ने लगे। अतः, दूसरा तत्व अस्तित्व में आया - हीलियम (H2)।

गेलेक्टिक युग (Galactic Epoch)

यह बिग बैंग के 200 मिलियन साल बाद शुरू हुआ। ब्रह्मांड में मौजूद हाइड्रोजन गैस और हीलियम परमाणु गुरुत्वाकर्षण के कारण एक साथ आने लगे और गैस और पदार्थ के बादलों का निर्माण करने लगे। ये भविष्य की आकाशगंगाओं के बीज थे।

तारकीय युग (Stellar Epoch)

यह बिग बैंग के 3 अरब साल बाद शुरू हुआ। पहले तारे हाइड्रोजन बादलों के केंद्र में अत्यधिक दबाव और तापमान के कारण अस्तित्व में आए। अतः, प्रकाश अस्तित्व में आया। यह ब्रह्मांड का वह चरण है जिसमें हम अभी रह रहे हैं।

सितारों ने हाइड्रोजन और हीलियम को कार्बन, नाइट्रोजन, लोहा, सोना, आदि उच्च तत्वों में परिवर्तित कर दिया। फिर इन्होंने ही ग्रहों, उपग्रहों, जैविक जीवन, आदि को जन्म दिया।

बिग बैंग थ्योरी की कमी

जैसा कि हमने पहले भी उल्लेख किया है, अभी भी कई चीजें हैं जिन्हें बिग बैंग सिद्धांत द्वारा समझाया नहीं जा सकता है। दरअसल इस थ्योरी के कुछ ऐसे आयाम हैं जो वैज्ञानिकों की समझ से परे हैं. आइए उनमें से कुछ पर एक नजर डालते हैं।

बिग बैंग का कारण क्या था?

हालांकि बिग बैंग थ्योरी बिग बैंग के बाद हुई बहुत सी चीजों की व्याख्या कर सकती है, लेकिन यह बिग बैंग के कारण की व्याख्या करने में विफल है। उत्पत्ति के संबंध में यह सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न है।

हमारे ब्रह्मांड के अस्तित्व से पहले क्या कुछ था, या किसी अन्य ब्रह्मांड में स्तिथ ब्लैक होल से उत्पन्न किसी व्हाइट होल का बिग बैंग परिणाम था, या यह दो ब्रह्मांडों की टक्कर के कारण हुआ था? इस सिद्धांत के पास इसके बारे में कोई जवाब नहीं है।

और इसके कारण, धर्मशास्त्री इसे किसी परमात्मा के अस्तित्व के प्रमाण के रूप में देखते हैं। कोई है जो “बिग बैंग” होने का कारण बना। हम इसे बाइबिल में देखते हैं, जो कहती है की भगवान ने पहले ब्रह्मांड बनाया और फिर फैसला किया कि प्रकाश हो जाये। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, ब्रह्मांड की उत्पत्ति शून्य से हुई है - यह बिग बैंग थ्योरी के समान ही लगता है। परन्तु, ये केवल अटकलें हैं। पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।

तो, यह साफ़ है कि यह सिद्धांत इस बात का उत्तर दे सकता है कि बिग बैंग के बाद क्या हुआ, लेकिन यह उत्तर नहीं दे सकता कि बिग बैंग क्यों हुआ

सिंगुलैरिटी का मुद्दा

बिग बैंग थ्योरी के साथ यह सबसे बड़ा मुद्दा है। जब भौतिक विज्ञानी इस सिद्धांत का गणित करते हैं, तो उनका सामना सिंगुलैरिटी/अनंतता से होता है, यानी एक बिंदु जिसमें अनंत द्रव्यमान है।

इस सिद्धांत के अनुसार, शुरुआत में ब्रह्मांड का सारा द्रव्यमान अनंत घनत्व के एक बिंदु पर केंद्रित था, जिसे सिंगुलैरिटी का बिंदु कहा जाता है। फिर कुछ हुआ और एक विस्फोट के कारण ब्रह्मांड का बहुत तेजी से विस्तार हुआ और प्राथमिक कण, स्थान और समय अस्तित्व में आए।

परन्तु, वैज्ञानिक सिंगुलैरिटी के इस प्रारंभिक बिंदु की प्रकृति की व्याख्या नहीं कर सकते हैं। ब्लैक होल के मामले में भी, हम ऐसी ही समस्या का सामना करते हैं। यही कारण है कि हम ब्लैक होल के अंदर क्या है, इसकी व्याख्या नहीं कर सकते।

ब्रह्मांड की शुरुआत में, बिग बैंग के समय क्या हुआ, यह जानने के लिए हमें संपूर्ण सिद्धांत (theory of everything) की जरूरत है, यानी एक भव्य एकीकृत सिद्धांत जो निम्नलिखित दो सिद्धांतों को जोड़ता हो:

  • आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत (Einstein’s theory of relativity) - जो ब्रह्मांड के बड़े कणों और वस्तुओं की व्याख्या करता है।
  • क्वांटम सिद्धांत (Quantum theory) - जो मूलकणों (elementary particles) के व्यवहार की व्याख्या करता है।

अभी भी कार्य प्रगति पर है। अगर कोई इस एकीकरण को हासिल कर लेता है, तो शायद यह भौतिकी की सबसे बड़ी खोज होगी।

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